ब्रह्मास्त्र अर्थात परमाणु बम
Brahmastra |
Atom Bomb |
परमाणु बम के जनक J. Robert Oppenheimer ने परमाणु बम के पहले परीक्षण के बाद एक साक्षात्कार
में कहा की परमाणु बम बनाने की प्रेरणा उन्हें श्री मद्भागवत गीता से मिली है।
यहाँ व्यास लिखते हैं कि “जहां ब्रहास्त्र छोड़ा जाता है वहीं 12 व्रषों तक पर्जन्यवृष्ठी नहीं हो पाती।“
3 नवंबर 5561 ईसा पूर्व के दिन छोड़ा हुआ ब्रह्मास्त्र और 6 अगस्त 1945 को फेंका गया एटम बम इन दोनों के परिणामों के साम्य अब देखें। दो घटनाओ के बीच 7506 वर्ष व्यतीत हो गए है तो भी दोनों मे पूर्ण साम्य दिखता है। महाभारत में बताया है की अश्वत्थामा ने ऐषिका के साथ ब्रह्माश्त्र छोड़ा था इस ‘ऐषिका’ शब्द में ‘इष’ अर्थात ज़ोर से फेंकना यह धातु हैं। इससे अर्थ हो जाता है कि ऐषिका एक साधन था जिससे अस्त्र फेंका जाता था। जैसे आज मिसाइल होते हैं जो परमाणु बम को ढ़ोने मे कारगर होते है। रॉकेट को भी ऐषिका कहा जा सकता है।
।। जयतु संस्कृतम् । जयतु भारतम् ।।
यहाँ व्यास लिखते हैं कि “जहां ब्रहास्त्र छोड़ा जाता है वहीं 12 व्रषों तक पर्जन्यवृष्ठी नहीं हो पाती।“
3 नवंबर 5561 ईसा पूर्व के दिन छोड़ा हुआ ब्रह्मास्त्र और 6 अगस्त 1945 को फेंका गया एटम बम इन दोनों के परिणामों के साम्य अब देखें। दो घटनाओ के बीच 7506 वर्ष व्यतीत हो गए है तो भी दोनों मे पूर्ण साम्य दिखता है। महाभारत में बताया है की अश्वत्थामा ने ऐषिका के साथ ब्रह्माश्त्र छोड़ा था इस ‘ऐषिका’ शब्द में ‘इष’ अर्थात ज़ोर से फेंकना यह धातु हैं। इससे अर्थ हो जाता है कि ऐषिका एक साधन था जिससे अस्त्र फेंका जाता था। जैसे आज मिसाइल होते हैं जो परमाणु बम को ढ़ोने मे कारगर होते है। रॉकेट को भी ऐषिका कहा जा सकता है।
।। जयतु संस्कृतम् । जयतु भारतम् ।।
(Mantra for Brahmastra) |
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