Monday, July 14, 2014

ब्रह्मास्त्र अर्थात परमाणु बम atomic weapon




ब्रह्मास्त्र अर्थात परमाणु बम

Brahmastra
Atom Bomb
काश हिन्दू विरोधी और तथाकथित धर्म निरपेक्षता के घिनोने विकार से ग्रस्त हमारे इतिहासकर शिक्षा मे यह ध्यान देते कि विज्ञान मे हुए सर्व मूल आविष्कारों का जनकभारत देश है। पिछले दिनों इस बात का खुलासा हुआ कि मोहन जोदड़ों में कुछ ऐसे कंकाल मिले थे, जिसमें रेडिएशन का असर था। महाभारत में सौप्टिकपर्व अध्याय 13 से 15 तक ब्रह्मास्त्र के परिणाम दिये गएहै। Great Event of the 20th Century. How they changed our lives? इस विश्वासाई पुस्तक में हिरोशिमा नामक जापान के नगर पर एटम बम फेंकने के बाद जो परिणाम हुए उसका वर्णन हैं दोनों वर्णन मिलते झूलते हैं। यह देख हमें विश्वास होता हैं कि 3 नवंबर 5561 ईसापूर्व छोड़ा हुआ ब्रह्मास्त्र atomic weapon अर्थात परमाणु बम ही था। महाभारत युद्ध का आरंभ 2 नवंबर 5561 ईसा पूर्व हुआ और 18 दिन चलाने के बाद  20 नवंबर 5561 ईसा पूर्व को समाप्त हुआ उसी रात दुर्योधन ने अश्वथामा को सेनापति नियुक्त किया। 3 नवंबर 5561 ईसा पूर्व के दिन भीम ने अश्वथामा को पकड़ने का प्रयत्न किया। तब अश्वथामा ने जो ब्रह्मास्त्र छोड़ा उस अस्त्र के कारण जो अग्नि उत्पन्न हुई वह प्रलंकारी था। वह अस्त्र प्रज्वलित हुआ तब एक भयानक ज्वाला उत्पन्न हुई जो तेजोमंडल को घिर जाने समर्थ थी। अंग्रेज़ भी मानने लगे है की वास्तव मे महाभारत मे परमाणु बम का प्रयोग हुआ था, जिस पर शोध कार्य चल रहे है। पुणे के डॉक्टर व लेखक पद्माकर विष्णु वर्तक ने तो 40 वर्ष पहले ही सिद्ध किया था कि वह महाभारत के समय जो ब्रह्मास्त्र इस्तेमाल किया गया था वह परमाणु बम के समान ही था।

परमाणु बम के जनक J. Robert Oppenheimer ने परमाणु बम के पहले परीक्षण के बाद एक साक्षात्कार में कहा की परमाणु बम बनाने की प्रेरणा उन्हें श्री मद्भागवत गीता से मिली है।
यहाँ व्यास लिखते हैं कि जहां ब्रहास्त्र छोड़ा जाता है वहीं 12 व्रषों तक पर्जन्यवृष्ठी नहीं हो पाती।
3 नवंबर 5561 ईसा पूर्व के दिन छोड़ा हुआ ब्रह्मास्त्र और 6 अगस्त 1945 को फेंका गया एटम बम इन दोनों के परिणामों के साम्य अब देखें। दो घटनाओ के बीच 7506 वर्ष व्यतीत हो गए है तो भी दोनों मे पूर्ण साम्य दिखता है। महाभारत में बताया है की अश्वत्थामा ने ऐषिका के साथ ब्रह्माश्त्र छोड़ा था इस ऐषिकाशब्द में इषअर्थात ज़ोर से फेंकना यह धातु हैं। इससे अर्थ हो जाता है कि ऐषिका एक साधन था जिससे अस्त्र फेंका जाता था। जैसे आज मिसाइल होते हैं जो परमाणु बम को ढ़ोने मे कारगर होते है। रॉकेट को भी ऐषिका कहा जा सकता है।
।। जयतु संस्कृतम् । जयतु भारतम् ।।


(Mantra for Brahmastra)